Saturday, December 28, 2019

Rudrashtak Stotra, रुद्राष्टक स्तोत्र


Rudrashtak Stotra 
Rudrashtak Stotra is in Sanskrit. It is recited at the time of performing God Shiva’s Pooja. This stotra is in 8 stanzas. It is very devotional and praise of God Shiva. 
रुद्राष्टक स्तोत्र 
नमामीशमीशान निर्वाणरुपं । 
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरुपं ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं । 
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १ ॥
निराकमोंकारमूलं तुरीयं । 
गिराग्यानगोतीतमीशं गिरीशं । 
करालं महाकाल कालं कृपालं । 
गुणागार संसारपारं नतोऽहम् ॥ २ ॥
तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं । 
मनोभूत कोटिप्रभा श्रीशरीरं ।
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी न्यासगंगा । 
लसद्वालबालेन्दु कंठंभुजगं ॥ ३ ॥
चलत्कुण्डलंभु सुनेत्रं विशालं । 
प्रसन्नाननं नीलकंठं दयालं ।
मृगाधीश चर्माम्बरं मुण्डमालं । 
प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ॥ ४ ॥
प्रचंडं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं । 
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।
त्रयःशूल निर्मूलनं शूलपाणिं । 
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ॥ ५ ॥    
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी । 
सदासज्जनानंददाता पुरारी ।
चिदानंदसंदोह मोहपहारी । 
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ॥ ६ ॥ 
न यावद् उमानाथ पादारविंदं । 
भजंतीहलोके परेवानराणां ।
न तावत्सुखंशान्तिसंतापनाशं । 
प्रसीद प्रभो सर्वभूतादि वासम् ॥ ७ ॥
न जानामि योगं जपं नैव पूजां । 
नतोऽहं सदासर्वदा शंभु तुभ्यम् ।
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं । 
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ॥ ८ ॥  
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।
ये पठंति नरा भक्त्या तेषां शंभुः प्रसीदति ॥ 
ॐ नमः शिवाय । 
Rudrashtak Stotra, 
रुद्राष्टक स्तोत्र 



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