Sunday, February 24, 2013

Ram Ashtakm रामाष्टकम्

Ram Ashtakm 

Ram Ashtakam is in Sanskrit. It is a beautiful creation of Vyasa Rushi. Vyasa Rushi says in this Ram Ashtakam that He worships God Ram since God Ram removes all the sins of the devotee. God Ram always makes his devotees happy. He removes fear of his devotees. He is giver of true knowledge. He always blesses his devotees. This is only the short meaning of Ram Ashtakam. 
Benefits of reciting this stotra: Devotees’ all sins are cleared. He gets wealth, knowledge, happiness and fame. At the end of the life he gets moksha.


रामाष्टकम्
श्रीगणेशाय नमः ॥
भजे विशेषसुंदरं समस्तपापखंडनम् ।
स्वभक्तचित्तरंजनं सदैव राममद्वयम् ॥ १ ॥
जटाकलापशोभितं समस्तपापनाशकम् ।
स्वभक्तभीतिभंजनं भजे ह राममद्वयम् ॥ २ ॥
निजस्वरूपबोधकं कृपाकरं भवापहम् ।
समं शिवं निरंजनं भजे ह राममद्वयम् ॥ ३ ॥
सहप्रपंचकल्पितं ह्यनामरूपवास्तवम् ।
निराकृतिं निरामयं भजे ह राममद्वयम् ॥ ४ ॥
निष्प्रपंचनिर्विकल्पनिर्मलं निरामयम् ।
चिदेकरूपसंततं भजे ह राममद्वयम् ॥ ५ ॥
भवाब्धिपोतरूपकं ह्यशेषदेहकल्पितम् ।
गुणाकरं कृपाकरं भजे ह राममद्वयम् ॥ ६ ॥
महावाक्यबोधकैर्विराजमानवाक्पदैः ।
परब्रह्म व्यापकं भजे ह राममद्वयम् ॥ ७ ॥
शिवप्रदं सुखप्रदं भवच्छिदं भ्रमापहम् ।
विराजमानदैशिकं भजे ह राममद्वयम् ॥ ८ ॥
रामाष्टकं पठति यः सुकरं सुपुण्यं
व्यासेन भाषितमिदं श्रृणुते मनुष्यः ।
विद्यां श्रियं विपुलसौख्यमनंतकीर्ति 
संप्राप्य देहविलये लभते च मोक्षम् ॥ ९ ॥
॥ इति श्रीव्यासविरचितं रामाष्टकं संपूर्णम् ॥
Ram Ashtakm
  रामाष्टकम्


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