There are many Stotras in this blog of many Gods. Stotra is a blog for the people who have faith in God. If your are reading a devi stotra then for having more devi storas please click on Title.It's a link. If you recite any of the stotras you like, then results will be good and make your life happy and prosperous.I myself have experienced it and there are many people like me.The stotra is to be recited with full concentration daily.
Dnyanaprad Budhi Stotra Dnyanaprad Budhi Stotra is in Sanskrit. It is from Brahma Purana. Generally this stotra is recited after performing Shri Ganesh Pooja. This Ashtak very pious and it gives knowledge of all Vidyas to the reciter.
Samantrakam ShriGanapati Stotram Samantrakam ShriGanapati Stotram is in Sanskrit. It is created by Parampoojya Shri Vasuedevanand Sarawzti. Samantrakam means a stotra having mantras hidden in it. This stotra has a mantra hidden in it. The mantra is “ Gananam tvaam Ganapatim Havamahe kavim kavinam ujamastvam Jeshtarajam Brahmanam brahmanspat Aanha “ for finding it we have to wright 3rd letter from each line go up to the last line; then wright 12th letter from each line then mantra is readable.
या समंत्रक गणपति स्तोत्रांतील प्रत्येक ओळींतील तिसरे अक्षर एकामागोमाग लिहील्यानंतर परत प्रत्येक ओळींतील बारावें अक्षर लिहीले कीं " गणानांत्वां गणपतिं हवामहे कविंकवीनामुपमश्रवस्तमं ज्येष्ठ राजं ब्रह्माणां ब्रह्मणस्पत आनः शृण्वंनूतिभिः सीदसादनं " हा वेदोक्त मंत्र गुंफलेला आहे.
समंत्रकं श्रीगणपति स्तोत्रम्
नमो गणपतये तुभ्यं ज्येष्ठ ज्येष्ठाय ते नमः ।
स्मरणमाद्यस्य ते विघ्ना न तिष्ठन्ति कदाचन ॥ १ ॥
देवानां चापि देवस्त्वं ज्येष्ठराज इति श्रुतः ।
त्यक्त्वा त्वामिह कः कार्यसिद्धिं जंतुर्गमिष्यति ॥ २ ॥
Shri Ganapati MalaMantra Stotra (Marathi) This Shri Ganapati MalaMantra Stotra is in Sanskrit the translation is done by shri Sitaram Ganesh Desai. The stotra is pious and very powerful. It makes the reciter free from all difficulties, worries, troubles from ghosts and fulfill all desires by the blessings of God Ganapati.
श्रीगणपतीमालामंत्र स्तोत्र (मराठी)
ॐ श्रीगणपतिला वंदन । प्रार्थितसे लीन होऊन ।
दुःख दैन्य सारे जाऊन । समाधान मज लाभो ॥ १ ॥
वनदुर्गा उपनिषदात । गणपतिमाला मंत्र वर्णित ।
एक लाख पुरश्चरण करित । मंत्र सिद्धी लाभेल तया ॥ २ ॥
दहावा भाग घृतसहित । हवन करावे शास्त्रोक्त ।
याच क्रमे तर्पणमार्जनादिक पुनीत । ब्राह्मण भोजन घालावे ॥ ३ ॥
DhundiSwaroopVarnan Stotra DhundiSwaroopVarnan Stotra is in Sanskrit. Dhundi is God Ganesh a other roopa. Here in this stotra swaroop of God Dhundi is described.
Shri Yogeshwari AshtottarShat Namavali Shri Yogeshwari AshtottarShat Namavali is in Sanskrit. These are 108 pious names of Goddess Yogeshwari.
श्रीयोगेश्र्वरी अष्टोत्तरशत नामावली
ॐ श्री योगिन्यै नमः ॐ श्री योगमायायै नमः ॐ श्री योगपीठस्थितिप्रियायै नमः
ॐ श्री योगदीक्षायै नमः ॐ श्री योगरुपायै नमः ॐ श्री योगगम्यायै नमः
ॐ श्री योगरतायै नमः ॐ श्री योगीहृदय वासिन्यै नमः ॐ श्री योगस्थितायै नमः ॐ श्री योगयुतायै नमः ॐ श्री योगमार्गरतायै नमः ॐ श्री योगेश्वर्यै नमः
ॐ श्री योगनिद्रायै नमः ॐ श्री योगदात्र्यै नमः ॐ श्री तपयुक्तायै नमः
ॐ श्री तपःप्रीत्यै नमः ॐ श्री तपःसिद्धि प्रदाप्रियायै नमः ॐ श्री निशुंभ-शुंभहणत्र्यै नमः ॐ श्री रक्तबीज विनाशिन्यै नमः ॐ श्री मधुकैटभहंत्र्यै नमः ॐ श्री महिषासुरघातिन्यै नमः ॐ श्री शारदेदुप्रतीकाशायै नमः ॐ श्री चंद्रकोटि प्रकाशिन्यै नमः ॐ श्री महामायायै नमः ॐ श्री महाकाल्यै नमः ॐ श्री महामार्यै नमः ॐ श्री क्षुधायै नमः ॐ श्री तृष्णायै नमः ॐ श्री निद्रातृष्णायै नमः ॐ श्री ऐकवरायै नमः ॐ श्री कालरात्र्यै नमः ॐ श्री दुरत्ययायै नमः ॐ श्री महाविद्यायै नमः ॐ श्री महावाण्यै नमः ॐ श्री भारतीवाचे नमः ॐ श्री सरस्वत्यै नमः ॐ श्री आर्यायै नमः ॐ श्री ब्राह्म्ये नमः ॐ श्री कामधेनवे नमः ॐ श्री वेदगर्भायै नमः ॐ श्री धीश्वर्यै नमः ॐ श्री करालायै नमः ॐ श्री विकरालाख्यायै नमः ॐ श्री अतिकालायै नमः ॐ श्री अतिदीपिकायै नमः ॐ श्री ऐकलिंगयोगिन्यै नमः ॐ श्री डाकिन्यै नमः ॐ श्री भैरव्यै नमः ॐ श्री महाभैरवकेंद्राक्ष्यै नमः ॐ श्री असितांग्यै नमः ॐ श्री सुरेश्वयै नमः ॐ श्री शांत्यै नमः ॐ श्री चंद्रार्धमाकर्ष्यै नमः ॐ श्री कलाकांत्यै नमः ॐ श्री कलानिधये नमः ॐ श्री सर्वसंक्षोभिणीशक्त्यै नमः ॐ श्री सर्वाल्हादकर्यै नमः ॐ श्री प्रियायै नमः ॐ श्री सर्वाकर्षणिकाशक्त्यै नमः ॐ श्री सर्वविद्राविण्यै नमः ॐ श्री सर्वसंमोहिन्यै नमः ॐ श्री सर्वस्तंभनकारिण्यै नमः ॐ श्री सर्वजृंभनिकाशवत्त्यै नमः ॐ श्री सर्ववशंकर्य नमः ॐ श्री महासौभाग्यगंभीरायै नमः ॐ श्री पीनवृत्तघनस्तन्यै नमः ॐ श्री रत्नपीठविनिक्षिप्तायै नमः ॐ श्री साधकेप्सितभूषणायै नमः ॐ श्री नानाशस्त्रधरादिव्यायै नमः ॐ श्री वसंत्यै नमः ॐ श्री हर्षिताननायै नमः ॐ श्री खङ्गपात्रधरादेव्यै नमः ॐ श्री दिव्यवस्त्रयोगिन्यै नमः ॐ श्री सर्वसिद्धिप्रदा देव्यै नमः ॐ श्री सर्वसंपत्प्रदानतायै नमः ॐ श्री प्रियंकर्यै नमः ॐ श्री सर्वमंगलकारिण्यै नमः ॐ श्री वैष्णव्यै नमः ॐ श्री शैव्यै नमः ॐ श्री महारौद्र्यै नमः ॐ श्री शिवायै नमः ॐ श्री क्षमायै नमः ॐ श्री कौमार्यै नमः ॐ श्री पार्वत्यै नमः ॐ श्री सर्वमंगलदायिन्यै नमः ॐ श्री ब्राह्म्यै नमः ॐ श्री माहेश्वर्यै नमः ॐ श्री कौमार्यै नमः ॐ श्री वैष्णव्यै नमः ॐ श्री वाराह्यै नमः ॐ श्री माहेंद्र्यै नमः ॐ श्री चामुंडायै नमः ॐ श्री सर्व देवतायै नमः ॐ श्री अणिमायै नमः ॐ श्री महिमा सिद्ध्यै नमः ॐ श्री लघिमायै नमः ॐ श्री शिवरुपिकायै नमः ॐ श्री वशित्वसिध्यै नमः ॐ श्री प्राकाम्यायै नमः
ॐ श्री भुक्तिसिद्ध्यै नमः ॐ श्री इच्छायै नमः ॐ श्री अष्टम्यै नमः ॐ श्री सर्वाकर्षणिकाशक्त्यै नमः ॐ श्री सर्वाल्हादकर्यै नमः ॐ श्री सर्वसंमोहहिनीशक्त्यै नमः ॐ श्री सर्वस्त्तंभनकारिण्यै नमः ॐ श्री सर्वजृंभणिकाशक्त्यै नमः ॥