Shri Hanumat Stotram
Shri Hanumat Stotram is in Sanskrit. It is a beautiful creation of Param Poojya Shri Shridhar Swami. It is a praise of God Hanuman. God Hanuman is always found chanting the name of God Rama. He gives us devotion. He gives us mukti. He has got tremendous power and he destroys the cruel people.
श्रीहनुमत्स्तोत्रम्
सुखैकधामभूषणं मनोजगर्वखण्डनम् ।
अनात्मधीविगर्हणं भजेऽहमञ्जनासुतम् ॥ १ ॥
भवाम्बुधिं तितीर्षुभिः सुसेव्यमानमद्भुतम् ।
शिवावतारिणं परं भजेऽहमञ्जनासुतम् ॥ २ ॥
गुणाकरं कृपाकरं सुशान्तिदं यशस्करम् ।
निजात्मबुद्धिदायकं भजेऽहमञ्जनासुतम् ॥ ३ ॥
सदैव दुष्टभञ्जनं सदा सुधर्मवर्धनम् ।
मुमुक्षुभक्तरञ्जनं भजेऽहमञ्जनासुतम् ॥ ४ ॥
सुरामपादसेविनं सुरामनामगायिनम् ।
सुरामभक्तिदायिनं भजेऽहमञ्जनासुतम् ॥ ५ ॥
विरक्तमण्डलाधिपं सदात्मवित्सुसेवितम् ।
सुभक्तवृन्दवन्दितं भजेऽहमञ्जनासुतम् ॥ ६ ॥
विमुक्तिविघ्ननाशकं विमुक्तिभक्तिदायकम् ।
महाविरक्तिकारकं भजेऽहमञ्जनासुतम् ॥ ७ ॥
सुखं यदेवमद्वयं बृहत्त्वमेव तत् स्वयम् ।
इतीह बोधकं गुरुं भजेऽहमञ्जनासुतम् ॥ ८ ॥
विरक्तिमुक्तिदायकं इमं स्तवं सुपावनम् ।
पठन्ति ये समादरात् न संसरन्ति ते ध्रुवम् ॥ ९ ॥
॥ प.प. श्रीश्रीधरस्वामी विरचितं श्रीहनुमत्स्तोत्रम् संपूर्णम् ॥
Shri Hanumat Stotram
श्रीहनुमत्स्तोत्रम्
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